2.2. मुख्यमंत्री: कार्य एवं शक्तियां (Chief Minister: Functions and Powers)
संसदीय शासन व्यवस्था में राज्य के प्रशासन में मुख्यमंत्री (Chief Minister) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। जहां राज्यपाल राज्य का ‘नाममात्र का कार्यकारी प्रमुख’ (De jure executive) होता है, वहीं मुख्यमंत्री राज्य का ‘वास्तविक कार्यकारी प्रमुख’ (De facto executive) होता है। वह राज्य सरकार का मुखिया होता है।
संवैधानिक प्रावधान (Constitutional Provisions)
- अनुच्छेद 163: राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रधान मुख्यमंत्री होगा।
- अनुच्छेद 164: मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी। अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर करेगा।
- अनुच्छेद 167: यह मुख्यमंत्री का कर्तव्य है कि वह राज्य के प्रशासन और विधायी प्रस्तावों से संबंधित जानकारी राज्यपाल को दे।
मुख्यमंत्री की शक्तियां और कार्य (Powers and Functions)
मुख्यमंत्री की शक्तियों को उनके विभिन्न संबंधों के आधार पर निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
1. मंत्रिपरिषद के संबंध में (In relation to Council of Ministers)
मुख्यमंत्री राज्य मंत्रिपरिषद का निर्माता और प्रमुख होता है।
- मंत्रियों की नियुक्ति की सिफारिश: राज्यपाल केवल उन्हीं व्यक्तियों को मंत्री नियुक्त करता है जिनकी सिफारिश मुख्यमंत्री करते हैं।
- विभागों का आवंटन: वह मंत्रियों के बीच विभागों (Portfolios) का वितरण और फेरबदल करता है।
- बैठकों की अध्यक्षता: वह मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करता है और निर्णयों को प्रभावित करता है।
- सामूहिक उत्तरदायित्व: यदि मुख्यमंत्री त्यागपत्र दे देता है, तो पूरी मंत्रिपरिषद अपने आप विघटित (Collapse) हो जाती है।
2. राज्यपाल के संबंध में (In relation to the Governor)
मुख्यमंत्री राज्यपाल और मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की मुख्य कड़ी (Main Channel of Communication) होता है (अनुच्छेद 167)।
- वह राज्य के प्रशासन और विधान से संबंधित मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों की सूचना राज्यपाल को देता है।
- वह महत्वपूर्ण नियुक्तियों (जैसे- राज्य महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य) के संबंध में राज्यपाल को सलाह देता है।
3. राज्य विधानमंडल के संबंध में (In relation to State Legislature)
सदन का नेता (Leader of the House) होने के नाते, मुख्यमंत्री के पास निम्नलिखित शक्तियां होती हैं:
- वह राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने या स्थगित करने की सलाह देता है।
- वह किसी भी समय राज्यपाल से विधानसभा को भंग (Dissolve) करने की सिफारिश कर सकता है।
- वह सदन के पटल पर सरकार की नीतियों की घोषणा करता है।
4. अन्य शक्तियां और कार्य (Other Powers and Functions)
- राज्य योजना बोर्ड: वह राज्य योजना बोर्ड (State Planning Board) का अध्यक्ष होता है।
- क्षेत्रीय परिषद: वह संबंधित क्षेत्रीय परिषद (Zonal Council) के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करता है (क्रमवार एक वर्ष के लिए)।
- आपात्काल: आपातकाल के दौरान वह मुख्य प्रबंधक (Crisis Manager) के रूप में कार्य करता है।
- वह राज्य की जनता की शिकायतों को सुनता है और उनका निवारण करता है।
महत्वपूर्ण तथ्य (Key Facts)
नोट: मुख्यमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है। वह राज्यपाल के ‘प्रसादपर्यंत’ पद धारण करता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि राज्यपाल उसे कभी भी हटा सकता है। जब तक मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत प्राप्त है, उसे पद से नहीं हटाया जा सकता।
निष्कर्षतः, मुख्यमंत्री राज्य प्रशासन का सबसे शक्तिशाली पदाधिकारी होता है। उसकी स्थिति, क्षमता और व्यक्तित्व पर ही राज्य का सुशासन निर्भर करता है।
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