अरस्तू द्वारा सरकारों का वर्गीकरण: शुद्ध और विकृत रूप, पॉलिटी और मध्यम मार्ग का गहन विश्लेषण (UPSC)

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📊 अरस्तू द्वारा सरकारों का वर्गीकरण: राजनीतिक स्थिरता का तुलनात्मक आधार 📊

परिचय: वैज्ञानिक तुलना का महत्व

अरस्तू का सरकारों का वर्गीकरण न केवल एक सैद्धांतिक मॉडल है, बल्कि यह उनके व्यापक अनुभवजन्य और तुलनात्मक अध्ययन (Empirical and Comparative Study) का परिणाम है, जिसमें उन्होंने 158 संविधानों का विश्लेषण किया। उनका उद्देश्य सबसे अच्छी शासन प्रणाली खोजना नहीं, बल्कि **सर्वाधिक स्थिर (Most Stable)** और **व्यावहारिक (Practicable)** प्रणाली को खोजना था।

वर्गीकरण के दोहरे आधार (Dual Basis):

  1. शासकों की संख्या (Quantity): यह मानदंड निर्धारित करता है कि शक्ति कितने व्यक्तियों के हाथ में है—एक, कुछ, या अनेक
  2. शासन का उद्देश्य (Quality/Purpose): यह सबसे महत्वपूर्ण मानदंड है जो शासन को **शुद्ध (Pure)** या **विकृत (Perverted)** रूपों में विभाजित करता है।
    • शुद्ध रूप: जहाँ शासन का उद्देश्य जन कल्याण (Common Good) और सामान्य हित होता है।
    • विकृत रूप: जहाँ शासन का उद्देश्य केवल शासक वर्ग का व्यक्तिगत लाभ (Self-Interest) होता है।

अरस्तू द्वारा प्रस्तुत सरकारों का द्वैतवादी वर्गीकरण (छह रूप)

अरस्तू का वर्गीकरण चार्ट
शासकों की संख्या शुद्ध रूप (सामान्य हित) विकृत रूप (स्वार्थ/भ्रष्टाचार)
एक व्यक्ति का शासन राजतंत्र (Monarchy): सद्गुण (Virtue) और कानून के शासन पर आधारित सर्वश्रेष्ठ शासन। निरंकुश तंत्र (Tyranny): शक्ति का दुरुपयोग; शासक का व्यक्तिगत हित। सबसे बुरा रूप।
कुछ व्यक्तियों का शासन कुलीनतंत्र (Aristocracy): योग्यता, शिक्षा, और संपत्ति के संतुलन पर आधारित शासन। अल्पतंत्र/धनिकतंत्र (Oligarchy): केवल धनवानों का स्वार्थी शासन, जहाँ गरीबों के हितों की उपेक्षा होती है।
अनेक व्यक्तियों का शासन पॉलिटी (Polity): संवैधानिक शासन; मध्यम वर्ग के प्रभुत्व वाला सबसे व्यावहारिक रूप। लोकतंत्र/भीड़तंत्र (Democracy): अत्यधिक समानता की माँग करने वाले निर्धनों का शासन; भीड़ का नियम।

पॉलिटी (Polity): अरस्तू का व्यावहारिक आदर्श (The Golden Mean)

अरस्तू के वर्गीकरण में, **पॉलिटी** सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करता है। यह सिद्धांत रूप में सबसे श्रेष्ठ नहीं है (वह स्थान राजतंत्र को मिलता है), लेकिन यह व्यावहारिक रूप से सबसे अच्छा और **सबसे स्थिर (Most Stable)** शासन है।

पॉलिटी की मुख्य विशेषताएँ:

  • संविधानों का मिश्रण: पॉलिटी अल्पतंत्र (जो धन का प्रतिनिधित्व करता है) और लोकतंत्र (जो स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करता है) का एक संतुलित मिश्रण है।
  • मध्यम वर्ग का आधार: अरस्तू का **मध्यम मार्ग (Golden Mean)** का सिद्धांत यहाँ लागू होता है। मध्यम वर्ग अत्यधिक अमीर और अत्यधिक गरीब वर्गों के बीच संतुलन स्थापित करता है, जिससे सामाजिक संघर्ष और **क्रांति** की संभावना कम हो जाती है।
  • कानून की सर्वोच्चता: इसमें व्यक्ति की मनमानी की बजाय कानून के शासन (Rule of Law) को सर्वोच्चता दी जाती है।

आलोचनात्मक विश्लेषण और आधुनिक प्रासंगिकता

अरस्तू के वर्गीकरण की गहन आलोचनाएँ भी हैं, लेकिन इसका महत्व आज भी बरकरार है:

  • परिभाषा की जटिलता: आलोचक मानते हैं कि अरस्तू ने लोकतंत्र (Democracy) को एक विकृत रूप मानकर गलती की, जबकि वह आज सबसे वांछनीय प्रणाली है। उनका ‘लोकतंत्र’ वास्तव में आज के ‘भीड़तंत्र’ या ओक्लोक्रसी (Ochlocracy) के करीब था।
  • नगर-राज्य की सीमा: यह वर्गीकरण केवल छोटे यूनानी नगर-राज्यों (Polis) के लिए उपयुक्त था और आधुनिक विशाल राष्ट्र-राज्यों (Nation-States) पर पूरी तरह लागू नहीं होता।
  • चक्रवात सिद्धांत का अभाव: प्लेटो ने सरकारों के पतन का एक चक्रीय क्रम (Cyclical Order) दिया था, जो अरस्तू के वर्गीकरण में स्पष्ट रूप से **अनुपस्थित** है।
  • आधुनिक प्रासंगिकता: इसके बावजूद, अरस्तू पहले विचारक थे जिन्होंने शासक की संख्या और शासन के उद्देश्य को अलग-अलग करके सरकारों का वैज्ञानिक वर्गीकरण किया। उनके पॉलिटी सिद्धांत ने राजनीतिक विचार को संस्थागत संतुलन की ओर मोड़ा, जो आज के संवैधानिक लोकतंत्रों (Constitutional Democracies) के लिए एक मौलिक आधार है।

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