अनुच्छेद 14 : समानता का अधिकार

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अनुच्छेद 14 : समानता का अधिकार

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता जैसे मूल्यों का उल्लेख किया गया है।
इन मूल्यों में से समानता (Equality) को सबसे मौलिक और केंद्रीय स्थान प्राप्त है।
इसी मूल्य को कानूनी रूप से साकार करने के लिए संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 14 को भाग-III (मौलिक अधिकार) में शामिल किया।

कानून के समक्ष समानता

इसका अर्थ है कि सभी व्यक्ति कानून की दृष्टि में बराबर होंगे। चाहे वह प्रधानमंत्री हो या आम नागरिक –
यदि दोनों अपराध करें तो दोनों पर समान कानून लागू होगा। राज्य किसी वर्ग को कानून से ऊपर नहीं मान सकता।

कानूनों का समान संरक्षण

इसका तात्पर्य है कि राज्य केवल कानून बनाने में समानता नहीं देगा बल्कि उसके क्रियान्वयन और सुरक्षा में भी समान अवसर देगा।
समान परिस्थितियों में सभी व्यक्तियों को समान व्यवहार और समान सुरक्षा मिलेगी।

समानता का वास्तविक अर्थ

अनुच्छेद 14 का उद्देश्य सभी को “एक जैसी स्थिति” में रखना नहीं है बल्कि यह है कि
समान परिस्थितियों में समान व्यवहार हो और
असमान परिस्थितियों में अलग व्यवहार किया जाए।
इसी कारण आरक्षण जैसी व्यवस्थाएँ इस अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं बल्कि उसकी आत्मा का हिस्सा हैं।

सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या और प्रमुख मामले

  • A.K. Gopalan (1950): अनुच्छेद 14 को संकीर्ण रूप से पढ़ा गया।
  • Anwar Ali Sarkar (1952): मनमाना कानून अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
  • E.P. Royappa (1974): समानता का अर्थ है कि कोई भी कार्य मनमाना न हो।
  • Maneka Gandhi (1978): अनुच्छेद 14, 19 और 21 को जोड़कर पढ़ा गया।
  • Indra Sawhney (1992): आरक्षण समानता के विपरीत नहीं बल्कि समान अवसर का साधन है।

व्यावहारिक महत्व और ग्राउंड रियलिटी

भारतीय समाज में असमानताओं को दूर करने का संवैधानिक साधन अनुच्छेद 14 ही है।
आरक्षण, कर प्रणाली और कल्याणकारी योजनाएँ इस सिद्धांत पर आधारित हैं।
यह अनुच्छेद सुनिश्चित करता है कि लोकतंत्र केवल सैद्धांतिक न होकर व्यावहारिक रूप से भी न्यायपूर्ण हो।

निष्कर्ष

अनुच्छेद 14 भारतीय लोकतंत्र का आधार स्तंभ है। यह केवल समानता का अधिकार नहीं बल्कि
न्यायपूर्ण और गैर-मनमाना शासन का संवैधानिक आधार है।

UGC NET के लिए Objective Questions

प्रश्न 1: अनुच्छेद 14 में “कानून के समक्ष समानता” और “कानूनों का समान संरक्षण” के बारे में कौन-सा कथन सही है?
(A) दोनों का अर्थ बिल्कुल एक जैसा है।
(B) पहला विशेषाधिकार से वंचित करना है, दूसरा समान अवसर प्रदान करना है।
(C) पहला सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक पहलू है।
(D) दोनों केवल नागरिकों पर लागू होते हैं।
सही उत्तर: (B)

प्रश्न 2: E.P. Royappa v. State of Tamil Nadu (1974) केस से कौन-सा सिद्धांत निकला?
(A) अनुच्छेद 14 केवल वर्गीकरण तक सीमित है।
(B) समानता का सिद्धांत केवल समान परिस्थितियों में लागू होता है।
(C) समानता का सिद्धांत मनमानेपन का प्रतिपक्ष है।
(D) अनुच्छेद 14 और 21 को जोड़कर पढ़ा जाना चाहिए।
सही उत्तर: (C)

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